गिलगित-बाल्टिस्तान के राजनीतिक बंदियों की रिहाई -AAC-GB के संघर्ष की एक ऐतिहासिक जीत

बड़ी जीत – अंतरराष्ट्रीय एकजुटता की ताकत

दर्जनों देशों में लगभग तीन महीने तक चले विरोध प्रदर्शनों और लाखों मज़दूरों का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकर्ताओं व संगठनों के समर्थन के बाद, अवामी एक्शन कमेटी गिलगित-बाल्टिस्तान (AAC-GB) के सभी राजनीतिक कैदी अब ज़मानत पर रिहा कर दिए गए हैं! अभी तक किसी को भी बरी नहीं किया गया है – संघर्ष जारी है। लेकिन यह जीत अंतरराष्ट्रीय एकजुटता की अपार शक्ति का जीवित सबूत है!

AAC-GB के अध्यक्ष एहसान अली और महमूदुर्रहमान, मूल रूप से गिरफ्तार किए गए 16 नेताओं में से अंतिम थे जिन्हें ज़मानत मिली।

कॉमरेड एहसान अली का संदेश

रिहाई के बाद कॉमरेड एहसान अली ने साथियों और समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा:

“पाकिस्तान और दुनिया भर के सभी साथियों को लाल सलाम।
हमारे संघर्ष ने पाकिस्तानी राज्य और उसकी औपनिवेशिक व्यवस्था के दमन को कमजोर किया है, जिसने एक शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने की कोशिश की थी।

पाकिस्तान, कश्मीर और पूरी दुनिया में हमारे क्रांतिकारी कम्युनिस्ट इंटरनेशनल के नेतृत्व में विरोध हुए। इस अंतरराष्ट्रीय अभियान ने युवाओं को नई ऊर्जा दी है, और गिलगित-बाल्टिस्तान के आंदोलन को ताक़त मिली है।

मैं विशेष रूप से आरसीआई का धन्यवाद करता हूँ, जिसने व्यवहार में अवामी एक्शन कमेटी के साथ एकजुटता दिखाई है। गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता इसे देख रही है।

आरसीआई अमर रहे!
क्रांतिकारी साम्यवाद अमर रहे!
अंतरराष्ट्रीय एकजुटता अमर रहे!”

प्रतिशोधात्मक गिरफ्तारियाँ

जैसा कि मई में बताया गया था, पाकिस्तानी राज्य ने AAC-GB के नेताओं को गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रशासनिक क्षेत्र में उनके साहसी संघर्ष के प्रतिशोध में हिरासत में लिया। इस क्षेत्र के लोगों को बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित किया जाता है, ज़मीनों पर कब्ज़ा किया जाता है और वे घोर गरीबी में जीते हैं, जबकि जनरल और नौकरशाह क्षेत्र के संसाधनों से अपनी तिजोरियाँ भरते हैं।

वर्षों से AAC-GB ने रियायती गेहूं, बिजली और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी बुनियादी ज़रूरतों की लड़ाइयों का नेतृत्व किया है। खनन और जल निगमों द्वारा पारिस्थितिकी के शोषण का भी विरोध किया गया। इसी साहसिक संघर्ष के कारण उन्हें बदले की राजनीति का शिकार बनाया गया।

सबसे पहले कॉमरेड एहसान अली को चौथी अनुसूची में डाला गया। इसके बाद नए भूमि सुधार और खनिज विधेयक के विरोध से पहले AAC-GB के नेताओं को आतंकवाद के झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया।

यह घिनौनी घटना उसी महीने हुई जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सार्वजनिक रूप से माना कि पाकिस्तान ने ऐतिहासिक रूप से आतंकवाद को वित्तपोषित और समर्थन किया है। लेकिन इसमें कश्मीर, बलूचिस्तान और पूरे पाकिस्तान में महिलाओं, मज़दूरों और ग़रीबों पर शासन द्वारा ढाए गए अत्याचारों का कोई ज़िक्र नहीं था।

एकजुटता की ताकत

गिलगित-बाल्टिस्तान में AAC समर्थक पहले दिन से ही रिहाई के लिए लड़ रहे थे। विशाल रैलियाँ और धरने हुए, कई का नेतृत्व महिलाओं ने किया।

रिवोल्यूशनरी कम्युनिस्ट इंटरनेशनल (RCI) ने एक वैश्विक अभियान चलाया। 15 देशों के साथियों ने एक ही दिन कार्रवाई की, सैकड़ों विरोध पत्र और कॉल्स गए, पाकिस्तानी दूतावासों पर दबाव बनाया गया। दुनिया भर के ट्रेड यूनियनों, नेताओं और संगठनों ने समर्थन दिया।

आगे बढ़ो – संघर्ष जारी है!

यह जीत एक राक्षसी शासन पर एक बड़ा आघात है। लेकिन लड़ाई अभी अधूरी है। AAC-GB के किसी भी नेता को बरी नहीं किया गया है! हमें शासन पर दबाव बनाए रखना होगा जब तक सभी आरोप खारिज नहीं हो जाते।

हम अवामी एक्शन कमेटी का समर्थन जारी रखेंगे जब तक उनकी माँगें पूरी नहीं हो जातीं – न्याय, आज़ादी और सम्मानजनक जीवन के लिए! और हम पूरे पाकिस्तान, उपमहाद्वीप और दुनिया में पूँजीवाद और उसके अत्याचारों के खिलाफ़ वर्ग संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे।

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